अब तक मोदी की तीन सभा, राहुल की एक
छत्तीसगढ़ में 21 टिकटों की घोषणा कर बीजेपी आगे, लेकिन पार्टी को विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है
रायपुर : आचार संहिता लग चुकी है। अब से होने वाली रैलियों, सभाओं, प्रचार के सारे खर्चों का हिसाब किताब चुनाव आयोग को देना होगा। लिहाजा कई पाबंदियां लागू हो जाएंगी। अब तक की तैयारियों के हिसाब से देखा जाए, तो भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से आगे नजर आ रही है।
भाजपा ने 21 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, जबकि कांग्रेस अभी तक टिकट घोषित नहीं कर पाई है। प्रत्याशियों की घोषणा के बाद और संभावित सूची के आने के बाद भाजपा को कई जगह विरोध का सामना भी करना पड़ रहा है।
कांग्रेस आचार संहिता लागू होने तक प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं कर पाई :
तैयारियों की बात करें, तो छत्तीसगढ़ में पिछले तीन महीनों में नरेंद्र मोदी की तीन सभाएं हो चुकी हैं। राहुल गांधी की सिर्फ दो सभाएं आयोजित की गई हैं। इसमें से एक सिर्फ कांग्रेस नेताओं के बीच की सभा थी। राहुल की दूसरी बड़ी सभा बिलासपुर में आयोजित हुई, जहां आम लोगों से सियासी बात की, केंद्र सरकार पर हमले किए।
प्रत्याशियों की घोषणा के मामले में बीजेपी आगे है। भाजपा ने अगस्त के महीने में ही अपने 21 प्रत्याशियों के नाम जारी कर दिए थे। दूसरी तरफ कांग्रेस आचार संहिता लागू होने तक प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं कर पाई है।
भाजपा के बड़े नेताओं की सभा :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 7 जुलाई को रायपुर में सभा कर चुके हैं। रायपुर संभाग की 19 सीटों ( बिलाईगढ़ सारंगढ़ जिले में शामिल हो चुका है और उसे बिलासपुर संभाग में मान रहे हैं) से भीड़ इस सभा में पहुंची। 30 सितंबर को बिलासपुर में PM की सभा हुई, इसके फौरन बाद 3 अक्टूबर को जगदलपुर में उनकी सभा हुई। इन सभाओं में क्षेत्र के हिसाब से, राज्य के हिसाब से मुद्दे तय किए गए।
रायगढ़ में मोदी ने ओबीसी का मुद्दा उछाला, तो बिलासपुर की सभा में पीएससी के मुद्दे को हवा देकर युवाओं को साधने की कोशिश की। उधर, जगदलपुर में नगरनार प्लांट का शुभारंभ करते हुए इसका क्रेडिट लिया और आदिवासियों के लिए किए गए कामों को गिनाया।
इधर, राहुल गांधी की बात की जाए, तो वे सिर्फ बिलासपुर में सभा कर पाए हैं। रायपुर में कांग्रेस के कार्यक्रम में उन्होंने लोगों को संबोधित जरूर किया। बिलासपुर में उन्होंने मोदी पर जमकर हमला किया। उन्हें झूठा करार दिया। उन्होंने गुजरात मॉडल को रिजेक्ट कर छत्तीसगढ़ मॉडल को विकास का मॉडल बताकर भूपेश बघेल की तारीफ की।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने एससी सीटों को साधा :
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 3 महीने में 4 बार छत्तीसगढ़ का दौरा कर चुके हैं । 4 अक्टूबर को रायगढ़, 28 सितंबर को बलौदा बाजार, 8 सितंबर को राजनांदगांव, 13 अक्टूबर को जांजगीर में उन्होंने भरोसे का सम्मेलन जैसे कार्यक्रमों में शामिल होकर आमसभा को संबोधित किया है।
मल्लिकार्जुन खड़गे अनुसूचित जाति की सीटों पर ज्यादा फोकस करते नजर आए। राज्य में 10 एससी सीटें हैं और उनकी सभाएं उन्हीं सीटों के ईर्द गिर्द ज्यादा हुईं। उन्होंने अपने भाषणों में ओबीसी और दलित वर्ग का जिक्र भी बार बार किया है।
28 दिन की परिवर्तन यात्रा के बदले एक दिन की भरोसा यात्रा :
भारतीय जनता पार्टी ने 12 सितंबर से परिवर्तन यात्रा शुरू की । करीब 28 दिन तक चली यात्रा प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्र में पहुंची। इसके जवाब में कांग्रेस ने भरोसा यात्रा निकाली।
ये यात्रा सिर्फ एक दिन निकाली गई, इस यात्रा में कांग्रेस के अलग-अलग नेता 90 विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे और लोगों के बीच सभा लेकर उन्हें संबोधित किया।हर दिन भाजपा ने रोड शो किया, समाजों को साधने फार्मूला अपनायाचुनावी यात्रा और सभा करने के मामले में भाजपा ने बढ़त इस वजह से हासिल की क्योंकि परिवर्तन यात्रा के दौरान हर दिन BJP ने रोड शो और सभा की।
सैकड़ो चौराहों और मोहल्ले में यात्रा का स्वागत किया गया। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने सामाजिक स्तर पर बैठकें भी कीं, जिनमें उस विधानसभा क्षेत्र को प्रभावित करने वाली जातियों से संबंधित लोगों से नेताओं ने मुलाकात की।
कांग्रेस में ये सम्मेलन :
कांग्रेस ने भरोसे का सम्मेलन, श्रमिक सम्मेलन, किसान सम्मेलन जैसे आयोजन किए। यहां राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को लोगों के बीच लाकर कांग्रेस ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं। ऐसी करीब आधा दर्जन बड़ी सभाएं कांग्रेस कर चुकी है।
21-0 के स्कोर से कांग्रेस से आगे निकली BJP :
छत्तीसगढ़ में जारी सियासी मैच में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से 21-0 के स्कोर से आगे चल रही है। भारतीय जनता पार्टी ने 21 प्रत्याशियों का ऐलान किया और कांग्रेस ने अब तक एक भी प्रत्याशी का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है। भाजपा की दूसरी सूची भी वायरल हो चुकी है, जिसमें कुछ संभावित नाम करीब-करीब तय हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेस लगातार बैठकें कर चुकी है। तीन महीने में प्रत्याशियों को लेकर हुई 5 से 6 बैठकों में नामों पर रायशुमारी की गई। कांग्रेस का कहना है कि नाम तय करके इसे आला कमान को भेजा जा चुका है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने दावा किया है कि जल्द ही प्रत्याशियों का ऐलान कांग्रेस कर देगी।